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Jeen Mata Mandir | शेखावाटी का प्रसिद्ध जीणमाता का मेला

By Rajasthanhelp

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Jeen Mata Mandir: राजस्थान के लोक देवियों में जीण माता का नाम बड़े ही गर्व से लिया जाता है ! नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे जीणमाता देवी के बारे में

जीण माता राजस्थान के सीकर जिले में स्थित धार्मिक महत्त्व का एक गाँव है। यह सीकर से २९ किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।  यहाँ पर श्री जीण माता जी (शक्ति की देवी) का एक प्राचीन मन्दिर स्थित है। जीणमाता का यह पवित्र मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना माना जाता है।

पौराणिक इतिहास के अनुसार जीण माता का मूल नाम जवंती बाई है !’रेवासा गाँव’ (सीकर) में हर्ष की पहाड़ी पर जीण माता का भव्य और प्राचीन मंदिर स्थित है ! इस मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान-I के शासन काल में राजा हट्ठड़ द्वारा 1064 ई. में करवाया गया था ! चौहान वंश की कुल देवी जीण धंधराय चौहान की बेटी और हर्ष की बहिन थी ! जीण माता मीणा जाती की कुल देवी और चौहानों की कुल देव ! तथा  शेखावाटी क्षेत्र की लोक देवी और मधुमक्खियों की देवी के नाम से भी जाना जाता है !

जीण माता का मंदिर कहां है – Where is the temple of Jeen Mata?

जीण माता का मंदिर राजस्थान में जयपुर से 115 किलोमीटर दूर सीकर जिले में अरावली की पहाडियों में स्थित हैं.जीण माताजी मंदिर रेवसा गांव से 10 किमी पहाड़ी के पास स्थित है। यह घने जंगल से घिरा हुआ है। 

जीण माता का इतिहास – History of Jeen Mata

एक बार जीण माता अपनी भाभी के साथ पानी लेकर घर आ रही थी तो रास्ते में नणद-भोजाई के बीच शर्त लगी ! कि हर्ष पहले किसकी  सिर से मटकी उतारेगा ! नणद-भौजाई दोनों ने कहा कि पहले मेरी मटकी हर्ष उतारेगा 1 पूरे रास्ते में दोनो के बीच यही बहस चलती रही और जब दोनों घर पर पहुँचती हैं ! तो दोनों भाई- बहन के मध्य स्नेह के कारण हर्ष ने पहले बहन जीण के सिर से और फिर बाद में  ! अपनी पत्नी के सिर से मटकी उतारी उस समय तो जीण की भौजाई ने कुछ कहा नहीं ! लेकिन बाद में गाँव की औरतों की बातों में आकर उसने हर्ष से उसकी बहिन जीण को घर से निकालने को कहा !
यह बात जीणमाता ने सुन ली और उसी समय घर से निकलकर तपस्या करने जंगल में चली गईं ! हर्ष को जब इस बात का पता चला तो वह अपनी बहिन जीण को वापिस लाने गया ! लेकिन काफी प्रयास करने के बाद भी जब जीणमाता अपने भाई के साथ वापिस नहीं आई तो हर्ष भी उस पर्वत पर अपनी बहन के साथ तपस्या करने लगा ! उसी समय से यह पर्वत हर्ष पर्वत के नाम से जाना जाने लगा है ! हर्ष शिव की तपस्या करते-करते शिव का गण हर्ष भैरू बन गया था ! और उसकी बहिन जीणमाता के रूप में समा गई और जीण माता के नाम से प्रसिद्ध हुई थी !

जीण माता का चमत्कार Jeen Mata’s Miracle 

Jeen Mata Mandir 

औरंगजेब जब मंदिरों और मूर्तियों को ध्वस्त करता हुआ जीण माता के मंदिर में पहुँचा तो ! मंदिर से जहरीली मधुमक्खियाँ की सेना प्रकट हुई जिसके आक्रमण से मुगल सेना भाग छूटी ! तब बादशाह ने देवी से माफ़ी मांगी और तब से मंदिर में अखंड जोत के लिए सवा मन तेल देने की व्यवस्था की ! इसके लिए प्रतिवर्ष दिल्ली से सवा मन तेल आता था ! इसी कारण ही जीणमाता को मधुमक्खियों की देवी भी कहा जाता है !

जीणमाता किसकी कुलदेवी है  whose kuldevi is jeenmata

जीण माता माँ जगदम्बा तथा माँ जयंती का ही रूप हैं. जीण माता शेखावटी के यादव, राजपूत, पंडित, जांगिड, अग्रवाल, मीणा आदि जाति के लोगो की कुलदेवी हैं

जीण माता का मेला | Jeen Mata mela hindi 

जीण माता का मेला चैत्र और आश्विन माह के नवरात्रों में लगता है और साथ ही हर्ष पर्वत पर चतुदर्शी के दिन हर्ष भैंरू का मेला भी लगता है ! माता जीण के मुख्य मंदिर के पीछे एक तहखाने में भामरियामाता ,भ्रमरमाता/भंवरमाता की मूर्ति है ! जिसके सामने किसी वीर का पीतल का धड़ पड़ा हुआ है ! ऐसा कहा जाता है कि यह धड़ पराक्रमी जगदेव पंवार का है जिसने भामरियामाता के सामने अपनी बलि दे दी थी !जीणमाता की इस मान्यता से प्रभावित होकर मेड़तिया के शासक सालिम सिंह के बेटे महाराजा महेश दान सिंह ने ! नागौर जिले के पुराने कस्बे मारोठ के पश्चिम दिशा में स्थित पर्वत की गुफा के अंदर जीणमाता का एक छोटा मंदिर बनवाया ! छोटा है लेकिन बहुत ही मनमोहक है और जो इस मंदिर को देकता है ! तो वह देखता ही रह जाय ऐसा भव्य मंदिर बनवाया था !

  • नाम – जीणमाता Jeen Mata ji
  • मंदिर – रेवासा गाँव
  • जिला – सीकर ( राजस्थान ) भारत
  • मंदिर फोन नंबर – 01576-227346
  • पिन कोड – 332403

कुलदेवी जीण माता का मेला

प्रदेश के सीकर जिले में अरावली की पहाड़ियों में विराजमान श्रृंगारित जीण माता के मेले का आयोजन नवरात्र के दौरान किया जाएगा. शारदीय नवरात्र में जीण माता का मेला 22 मार्च से शुरू होगा और अगले 9 दिन तक चलेगा. इस बार मेले में प्रशासन ट्रस्ट व ग्राम पंचायत की तरफ से नवाचार किया जा रहा है. प्रधानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बार जीण माता मेले में भक्तों के लिए 6 लाइनें बनाई जाएंगी.

जीण माता मेले में इन पर रहेगी पाबंदी

जीण माता मेले के दौरान प्रशासन ने हिदायत दी है कि शराब व पशु बलि पर सख्ती से रोक रहेगी. इसके साथ ही डीजे पर भी पाबंदी रहेगी. रेवासा-जीण माता-बाजोर मार्ग पर डीजे बजाते पकड़े जाने पर प्रशासन को जब्ती के आदेश दिए गए हैं. पशु बलि पर पुलिस पूरी तरह से निगरानी रखेगी. इसके अतिरिक्त 10 फीट से ऊंचा निशान लेकर श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगे.

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