Rajasthan Assembly Election 2023 | राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 | राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई। Rajasthan Vidhansabha Chunav 2023
Rajasthan Assembly Election :उपचुनावों को यदि राज्य सरकार के कामकाज के प्रति मतदाताओं की संतुष्टि का पैमाना माना जाए तो कांग्रेस को जनता ने पॉजिटिव सर्टिफिकेट दिया है. पिछले चार साल में उपचुनावों की बाजी कांग्रेस के हाथ में रही है. हालांकि उपचुनावों में तो मतदाताओं का झुकाव सत्तारूढ़ दल के प्रति रहता है और वे सहानुभूति लहर पर भी सवार होते हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव में वो दूसरे आधारों पर भी वोट देते हैं.
राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों में बीजेपी अब पूरी तरह से जुट गई है।राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. बीजेपी फिलहाल उन सीटों पर नजर बनाए हुए हैं जहां पिछले चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था.
राजस्थान में इस साल 25 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने वाले है और ऐसे में अब बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ चुकी है। राजस्थान में विधानसभा के चुनावों को देखते हुए पीएम मोदी भी राजस्थान के लगातार दौरे कर रहे है। राजस्थान बीजेपी को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हुए है।
Rajasthan Assembly Election 2023
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बज चुका है । राजनीतिक पार्टियां का सत्ता की कुर्सी की चाहत में चुनावी जमीन को खाद पानी देने का काम शुरू हो गया है। राजस्थान में अगले साल सरकार किसकी बनेगी ये तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन जिस तरह से प्रदेश मे कांग्रेस और भाजपा की हर पांच साल में सरकार बदलती रही है। उससे चुनाव होने से पहले ही नतीजों का धुआं उड़ने लगा है। लेकिन इस धुंध को साफ करते हुए इसकी साफ तस्वीर देखनी होगी, क्यों कि इस बार मैदान में आर पार की लड़ाई है।
राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) बनने के बाद पिछले 4 साल में विभिन्न कारणों के के चलते 9 उपचुनाव (By Election) हुए हैं. इनमें कांग्रेस को 66 प्रतिशत सफलता मिली है. यानि 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस (Congress) का पलड़ा भारी रहा है और बीजेपी (BJP) या अन्य दलों के प्रत्याशियों को पटखनी दी है. इसी के दम पर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बार-बार दावा करते हैं कि राज्य में सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है.
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आपको बता दें कि साल 1952 से लेकर के अब तक प्रदेश में 14 बार चुनाव हो चुके हैं जिसमें 10 बार कांग्रेस ने तो 4 बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। इसमें से अभी तक सिर्फ भाजपा के भैरो सिंह शेखावत ऐसे शख्स रहे हैं जिन्होंने लगातार प्रदेश में दो बार अपनी सरकार रिपीट कर आई है इसके अलावा अभी तक कोई भी ना तो अशोक गहलोत न ही वसुंधरा राज्य में से इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है अगर 2023 के चुनाव में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस जीतती है तो यह अशोक गहलोत के राजनीतिक करियर में एक बड़ा कीर्तिमान साबित हो सकता है। आने वाले 2023 का विधानसभा चुनाव प्रदेश का 15 बार चुनाव होगा जिसमें कौन जीतेगा यह तो अभी कहा नहीं जा सकता।
राज्य में वर्ष 2018 के बाद कुल नौ उपचुनाव हुए हैं. इन उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी महज दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है. धौलपुर से शोभारानी कुशवाह (बीजेपी), राजसमंद से दीप्ति माहेश्वरी (बीजेपी) ने जीत हासिल की. खींवसर के उपचुनाव में आरएलपी के नारायण बेनीवाल ने चुनाव जीता. बाकी उपचुनाव की सभी सीटें कांग्रेस की झोली में गईं. धरियावद से नगराज मीणा (कांग्रेस), वल्लभ नगर से प्रीति शक्तावत (कांग्रेस), सुजानगढ से मनोज मेघवाल (कांग्रेस), सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी (कांग्रेस), मंडावा से रीटा चौधरी (कांग्रेस) और अब सरदार शहर उपचुनाव में कांग्रेस के अनिल शर्मा ने जीत हासिल की.
चुनावी माहौल की बात करें तो भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियों में ‘आप’ और ओवैसी की AIMIM अब चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं और दोनों पार्टियों ने राजस्थान में तीसरा विकल्प बनने के दावे किए हैं वहीं राजस्थान में पहले से ही कुछ सीटों पर अपना प्रभुत्व रखने वाले दल इस समय क्या रणनीति अपना रहे हैं
Rajasthan Aam Admai Parti | राजस्थान आम आदमी पार्टी
प्रदेश में तीसरा विकल्प बनने का दावा करने वाली अरविंद केजरीवाल की आप दिल्ली, पंजाब, गुजरात की तरह ही राजस्थान में जीत दर्ज करने का दावा कर रही है। सरकार बनने पर दिल्ली, पंजाब में फ्री बिजली-पानी-शिक्षा-स्वास्थ्य का मॉडल उन्होंने राजस्थान में भी लागू करवाने की वादा जनता से किया है। इन वादों से प्रदेश की जनता का भी झुकाव आप की तरफ हो सकता है।
चार साल की सफलता-असफलता के परस्पर विरोधी दावे
इसी साल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री उपचुनावों में कांग्रेस को मिल रही लगातार जीत के उत्साहित हैं. वे दावा करते हैं कि यह बड़ी उपलब्धि है कि चार साल बाद भी राजस्थान की जनता राज्य सरकार के खिलाफ नहीं है. आमतौर पर हर जगह ऐसी स्थिति हो जाती है और लोग गलतियाँ निकालने लगते हैं लेकिन राजस्थान में स्थिति अलग है. राज्य सरकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती है.
इसका फायदा आने वाले चुनाव में मिलेगा. दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने प्रदेश की गहलोत सरकार के चार साल को पूरी तरह फेल्योर करार दिया. पूनियां के मुताबिक राजनीतिक इतिहास में आज तक की ऐसी निकम्मी, नकारा, भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी है. कांग्रेस सरकार जितनी भी योजनाओं का बखान कर रही है, उन सबमें कोई ना कोई खामी है.
आप पार्टी के अलावा ओवैसी भी उतरेंगी मैदान में
विश्वस्त सूत्रों की माने तो इन दिनों सत्ता और संगठन में आम आदमी पार्टी को लेकर मंथन चल रहा है। कांग्रेस में भले ही दावे किए जा रहे हो कि साल 2023 में पार्टी फिर से सत्ता में आएगी लेकिन अंदर खाने चर्चा यह भी है कि विधानसभा चुनाव में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ‘एआईएमआईएम’ और आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।
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