जमाबंदी एक ऐसा सरकारी दस्तावेज है जो आपकी जमीन पर मालिकाना हक, किरायेदारी और उपयोग की स्थिति को प्रमाणित करता है। अब हर राज्य की सरकार ने इसे ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है, ताकि किसान और ज़मीन मालिक घर बैठे ही अपनी जमीन की जमाबंदी डाउनलोड कर सकें।

Jamabandi क्या होती है?
जमाबंदी एक भूमि अभिलेख (Land Record) होता है जिसमें ज़मीन का मालिक कौन है, ज़मीन का कुल क्षेत्रफल कितना है, कौन किराए पर है, ज़मीन पर कोई बकाया कर्ज है या नहीं – ऐसी सारी जानकारी दर्ज होती है। यह दस्तावेज़ भूमि विवादों से बचाव और कानूनी दावों के लिए बेहद जरूरी होता है।
Jamabandi कैसे काम करती है?
- जमाबंदी पटवारी द्वारा गांव का निरीक्षण कर तैयार की जाती है।
- इसमें खसरा नंबर के आधार पर ज़मीन के मालिक, किरायेदार और उपयोग की जानकारी दर्ज होती है।
- हर 5 साल में इसे अपडेट किया जाता है जिसे “चौकसी वर्ष” कहा जाता है।
- अगर ज़मीन बेची जाती है, विरासत में मिलती है या दान होती है, तो उसका रिकॉर्ड भी इसमें अपडेट होता है।
Jamabandi Online Download कैसे करें?
स्टेप | प्रक्रिया |
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1 | अपने राज्य की भूलेख विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं |
2 | “जमाबंदी नकल” या “भू अभिलेख देखें” जैसे विकल्प पर क्लिक करें |
3 | अपना जिला, तहसील, गांव की जानकारी दर्ज करें |
4 | खातेदार का नाम, खसरा नंबर या खाता नंबर भरें |
5 | “व्यू डिटेल्स” या “देखें” पर क्लिक करें |
6 | आपकी जमीन की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी |
7 | आप उसे डाउनलोड करके प्रिंट आउट ले सकते हैं |
Jamabandi Online Download करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- केवल सरकारी वेबसाइट से ही जमाबंदी डाउनलोड करें।
- प्राइवेट वेबसाइट या ऐप पर OTP या व्यक्तिगत जानकारी दर्ज न करें।
- यदि वेबसाइट धीमी हो तो धैर्य रखें, यह सामान्य तकनीकी समस्या हो सकती है।
- कई राज्यों में OTP/Recaptcha की आवश्यकता हो सकती है, यह सुरक्षित प्रक्रिया है।
Jamabandi Online Download Portal (राज्यवार लिंक)
राज्य का नाम | ऑनलाइन पोर्टल लिंक |
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उत्तर प्रदेश | Click Here |
राजस्थान | Click Here |
हरियाणा | Click Here |
मध्य प्रदेश | Click Here |
बिहार | Click Here |
महाराष्ट्र | Click Here |
निष्कर्ष:
जमाबंदी दस्तावेज़ अब ऑनलाइन निकालना बेहद आसान हो गया है। यह सुविधा न केवल किसानों को राहत देती है बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है। सही जानकारी के लिए हमेशा अपने राज्य की भूलेख वेबसाइट पर ही भरोसा करें।