Gurjar Mahakumbh | गुर्जर महाकुंभ | गुर्जर महाकुंभ जयपुर | Rajasthan Gurjar Mahakumbh 18 june 2022 |
Gurjar Mahakumbh: चुनावी साल में जातीय महापंचायतों और सम्मेलनों का दौर जारी है. अब गुर्जर समाज ने गुर्जर एकता महाकुंभ का ऐलान कर दिया है. इसमें गहलोत सरकार से हुए समझौतों को लागू करने के साथ ही सेना में गुर्जर रेजिमेंट की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले प्रदेश में विभिन्न समाजों का शक्ति प्रदर्शन जारी है। सैनी, ब्राह्मण समाज के बाद अब गुर्जर और कुमावत समाज हुंकार भरने को तैयार है। अब तक आधा दर्जन से ज्यादा समाज विभिन्न मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर चुके हैं।
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जयपुर में चुनावी साल में सभी समाज अपनी-अपनी महापंचायत और सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब गुर्जर समाज की ओर से गुर्जर एकता महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. 18 जून को राजधानी जयपुर में होने वाले इस महाकुंभ में समाज को समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने, गहलोत सरकार के साथ बीते सालों में हुए समझौतों को लागू करने और सेना में गुर्जर रेजिमेंट बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी. राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से यह आयोजन किया जाएगा.
Gurjar Mahakumbh | गुर्जर महाकुंभ का आयोजन कहा होगा?

इसी कड़ी में राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति, राजस्थान गुर्जर महासभा, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा समेत एक दर्जन से ज्यादा संगठनों के की ओर से 18 जून 2023 को सुबह 11 बजे जयपुर में गुर्जर महाकुंभ होगा।
गुर्जर महाकुंभ के जरिए समाज का विकास
गुर्जर महाकुंभ के जरिए सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्कृतिक उत्थान एवं विकास, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही समाज सुधार और समाज के महापुरुषों के सिद्धांतों, आदर्शों व बताए मार्ग पर समाज को अग्रसर करने आदि विषयों पर मंथन होगा।
Gurjar Mahakumbh की प्रमुख मांगे
गुर्जर नेता शैलेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि हमारे कुछ मांगे है जो सरकार के समक्ष रखेंगे।
- नई अनुसूची में शामिल करना,
- अलग गुर्जर रेजीमेंट बनाकर भारतीय सेना में सेवा का अवसर देना,
- आंदोलन के मृतकों को 5-5 लाख रुपये के साथ सरकारी नौकरी देना,
- आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर मुकदमे वापस लेने की मांग करेंगे।
इस महाकुंभ में समाज की राजनीतिक हस्तियों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा. जिसमें विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। इस मंच पर सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक बुराइयों पर चर्चा की जाएगी।