Rajasthan House Yojana | शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और राजीव गांधी पुनर्वास योजना के तहत मिलेंगे 200 रुपये में मकान | Rajasthan House Yojana: Mukhyamantri Punarvaas Grh Yojana | मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना लागू | 10 साल रहने के बाद खरीद भी सकेंगे, जयपुर में 5279 फ्लैट्स खाली पड़े
Mukhyamantri Punarvaas Grh Yojana:यदि आप भी राजस्थान से है और मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना योजना के बारे में जानना चाहते है तो हमारा यह राजस्थान के लिए विशेषांक आर्टिकल केवल आप सभी राजस्थान भाई – बहनों के लिए है जिसमे हम आपको विस्तार से बतायेगे कि, Mukhyamantri House Yojana क्या है।
Rajasthan House Yojana
राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर ओर आस पास अन्य जगह खाली पड़े मकानों को किराए पर देना।
Mukhyamantri Punarvaas Grh Yojana overviews
योजना का नाम | मुख्यमंत्री गृह योजना |
योजना का प्रकार | राज्य सरकार योजना |
योजना का उद्देश्य | राजस्थान के लोगों को सस्ते रूम उपलब्ध कराना |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन / ऑफलाइन |
ऑफिसियल वेबसाइट | जल्द होगी जारी |
जयपुर, अलवर, पाली, अजमेर समेत प्रदेश के कई शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और राजीव गांधी पुनर्वास योजना के तहत बनाए गए हजारों मकान खाली पड़े हैं। शहरी इलाके से बाहर बने होने के कारण इसे लेने में लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अब ये खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। इनके रख-रखाव पर भी सरकार को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।
इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने अहम निर्णय लिया है। मल्टी स्टोरी ये ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फ्लैट्स 200-300 रुपए प्रति महीना के किराए पर दिए जाएंगे। इसकी तैयारी में अधिकारी लग गए हैं। इसके लिए गाइडलाइन तैयार करने के बाद आवेदन मांगे जाएंगे।
ऐसे आवास स्थानीय निकायों के माध्यम से पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे। यदि आवंटी 10 वर्ष तक उसी आवास में रहता है और वह आवासलागत की बाकी राशि जमा कराता है तो उसे मालिकाना हक भी दे दिया जाएगा। सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधा देने की जिममेदारी निकाय की होगी।
गरीबों के लिए बनाए गए थे मकान
राजस्थान में जितने भी मकान खाली पड़े हैं, उसमें आधी संख्या से ज्यादा मकान गहलोत सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में बनवाए थे। तब सरकार ने गरीब तबके के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी लॉन्च करके आवास विकास संस्थान के जरिए प्रदेशभर में निजी बिल्डर्स से ये फ्लैट्स बनवाए थे। उस समय भी ये शहर सीमा से बहुत दूर थे, जिसके कारण इनमें आवेदन भी बहुत कम आए थे।
कच्ची बस्ती के लोगों को करना था शिफ्ट
अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत बने ईडब्ल्यूएस, एलआईजी के मकानों के अलावा गहलोत सरकार ने जयपुर में बड़ी संख्या में राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाए थे। जवाहर नगर, कठपुतली नगर (22 गोदाम) समेत अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में कच्ची बस्तियों के परिवारों को इन मकानों में शिफ्ट करना था। जेडीए ये काम नहीं कर पाया। इस कारण अब ये मकान भी खाली पड़े खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।
3 लाख तक सालाना आय वालों को मिलेगा
ये मकान 3 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले परिवारों को किराए पर दिए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार ने ये प्रावधान भी रखा है कि अगर कोई किराएदार 10 साल तक मकान में रहता है। उससे मकान का बकाया पैसा लेकर फ्लैट हमेशा के लिए दे दिया जाएगा।
वन और टू बीएचके के हैं फ्लैट
सरकार जिन मकानों को किराए पर दे रही हैं, वे वन और टू बीएचके हैं। ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी के फ्लैट्स वन बीएचके के हैं। इनका सुपर बिल्टअप एरिया करीब 380 वर्गफीट है। एलआईजी के टू-बीएचके फ्लैट्स का बिल्टअप एरिया करीब 500 से 550 वर्गफीट का है। डीएलबी डायरेक्टर ह्रदेश शर्मा ने बताया कि अभी निर्णय हुआ है। आवेदन कब से लिए जाएंगे, यह अभी तय नहीं है। इसके लिए पूरी नियमावली बनेगी, इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। अगर तय संख्या से ज्यादा आवेदन आएंगे तो आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।
Note: सरकार अभी योजना बना रही है जैसे ही इस पर कुछ नहीं गाइड लाइन आपको सबसे पहले अवगत करवा दिया जायेगा।